रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगस्त 2022 की मीटिंग लगभग संपन्न हो चुकी है और अब एक और नया फैसला आ गया है। जी हां आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मुख्य ब्याज दर 0.50 परसेंट की बढ़ोतरी करने का एक बहुत बड़ा फैसला किया है। जिसके बाद से देश में रेपो रेट बढ़कर 5.40 परसेंट हो गई है।
आपको बता दें कि 8 जून को हुए पिछले नीतिगत ऐलान में भी आरबीआई ने रेपो रेट में आधे फीसदीका इजाफा किया था। जिसके बाद एक बार फिर से रेपो रेट को बढ़ाकर 4.90 फ़ीसदी तक पहुंचा दिया गया था। जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक ने महंगाई में कमी लाने के लिए इस तरीके से लगातार रिपोर्ट में बढ़ावा किया है।
वही इस फैसले से यह बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि होम लोन करने वालों को ज्यादा भुगतान करने के लिए अपनी कमर कस लेनी होगी। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में जमा किए जाने के बाद से बैंकों की लोन दरों में बढ़ोतरी कर दी जाएगी।
आपकी जेब पर होगा इसका असर

रेपो रेट में बढ़ोतरी का बोझ बैंक अपने ग्राहकों पर डालेंगे इससे सीधे सीधे आपके लोन की किस्त में इजाफा होगा यानी कि होम लोन के साथ-साथ आपके पर्सनल लोन और यहां तक कि ऑटो लोन की ईएमआई में भी आपको इजाफा देखने को मिलेगा। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपने 20 लाख का होम लोन लिया है और इसकी अवधि करीबन 20 साल है
तो आप की किस्त 16,112 रुपये से बढ़कर 16,729 तक हो जाएगी। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर लोन पर ब्याज दर .5 फीसदी बढ़ जाने पर ईएमआई पर क्या फर्क पड़ेगा
अमाउंट अवधि ब्याज दर किस्त (रुपये में) संंशोधित दर किस्त (रुपये में) बढ़ोतरी (रुपये में)
30 लाख रुपये 20 साल 7.5% 24,168 8% 25,093 925 20 लाख रुपये 20 साल 7.5% 16,112 8% 16,729 617
10 लाख रुपये 20 साल 7.5% 8,056 8% 8,364 308
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आज हुई ये बढ़ोतरी एक दशक में सबसे तेज है आपको बता दें कि अभी हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व यानी यूएस फेडरल रिजर्व ने अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया था। जिसके चलते लगातार की उम्मीद लगाई जा रही थी कि अब आरबीआई भी ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला कर सकती है।
जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को रखा गया बरकरार

आरबीआई के द्वारा रेपो रेट में हुए बढ़ोतरी के साथ ही यह दर अगस्त 2019 के बाद सबसे अधिक हो जाएगी। आपको बता दें कि यह भी कहा जा सकता है कि रेपो रेट आपको कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई। आपको बता दें कि आरबीआई पहले ही ऐलान कर चुकी थी कि वह धीरे-धीरे अपने उदार रुख को वापस लेगी।
आरबीआई ने वित्त वर्ष यानी कि साल 2023 में देश के अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व यानी यूएस फेडरल आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15% से बढ़ाकर 5.65% किया गया है.
रेपो रेट और आपकी ईएमआई का कनेक्शन

दरअसल इक्नॉमी की जानकारी यानी कि बिजनेस एक्सपर्ट के मुताबिक रेपो रेट को मुख्य ब्याज दर के नाम से भी जाना जाता है। यह रेपो रेट वह दर मानी जाती है जिसे वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं।
जाहिर है कि जब बैंकों के लिए उधारी महंगी हो जाएगी तो वह ग्राहकों के लिए भी इस कदर बढ़ा देंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि रेपो रेट बढ़ाने पर होम लोन कार लोन और पर्सनल लोन जाकर बहुत महंगा होने वाला है।